व्यावसायिक स्वास्थ्य
स्वास्थ्य, सुरक्षा व पर्यावरण : सुरक्षित समुदाय और खुशहाल हितधारक (स्टेकहोल्डर) सुनिश्चित करने के तीन स्तंभ
हमारा मानना है कि इंडियनऑयल में, राष्ट्र की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ लोगों और पर्यावरण की रक्षा करना भी संभव है। हम कारोबार को ऐसे तरीके से संचालित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो समुदायों की पर्यावरण और आर्थिक आवश्यकताओं के अनुरूप है, जिसमें हम काम करते हैं, और यह हमारे कर्मचारियों, हमारे ग्राहकों और जनता से जुड़े लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की रक्षा करता है।
इंडियनऑयल एक मज़बूत पर्यावरण विवेक के साथ अपने कारोबार का संचालन करने, पोषणीय विकास, सुरक्षित कार्यस्थलों और अपने कर्मचारियों, ग्राहकों और समुदाय के जीवन की गुणवत्ता के संवर्द्धन को सुनिश्चित करने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करता है। सभी रिफाइनरियां पोषणीय विकास के साथ-साथ व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली (ओएचएसएमएस/ओएचएसएएसओ18001) आईएसओ: 14064 मानकों से प्रमाणित हैं। इसके अलावा, ये सभी पूरी तरह से व्यावसायिक स्वास्थ्य केंद्रों से सुसज्जित हैं। सुरक्षा प्रणालियों, कार्यविधियों और पर्यावरण कानूनों के अनुपालन की निगरानी यूनिट, प्रभाग और कॉर्पोरेट स्तर पर की जाती है।
भारत का अग्रणी तेल और गैस कॉर्पोरेट होने के नाते, इंडियनऑयल सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण (एस, एच ऐंड ई) निष्पादन में उत्कृष्टता के प्रति अपनी वचनबद्धता में दृढ़ बना हुआ है। यह घोषणा इस बात को दिखाती है कि इंडियनऑयल के लोग पुनरुत्थानशील भारत की प्रमुख प्रेरक शक्ति के रूप में इंडियनऑयल की क्षमता को पूरी तरह से सिद्ध करने के लिए प्रचालनों, सामाजिक और पर्यावरणीय स्तरों पर कई प्रतिबद्धताओं को लगातार जारी रखे हुए हैं।
इंडियनऑयल में व्यावसायिक स्वास्थ्य
इंडियनऑयल में, कर्मचारी स्वास्थ्य पर ध्यान देना एक प्राथमिकता है। सभी कार्यक्रम इस प्रयोजन के साथ डिज़ाइन किए गए हैं कि कार्यस्थल माहौल तैयार करके कर्मचारियों की स्वास्थ्य स्थिति, कल्याण और उत्पादकता में सुधार सुनिश्चित हो जो सक्रिय रूप से और लगातार स्वस्थ व्यवहार को मज़बूत करता है, बढ़ावा देता है और उसका समर्थन करता है।
सभी रिफाइनरियों को व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली (ओएचएसएमएस/ओएचएसएएसओ 18001) से प्रमाणित किया जाता है, इसके अलावा व्यावसायिक स्वास्थ्य केंद्रों को पूरी तरह से सुसज्जित किया जाता है। खतरनाक क्षेत्रों में काम कर रहे कर्मचारियों के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए डॉक्टरों और पैरामेडिक्स विशेष रूप से प्रशिक्षित होते हैं। हेल्थकेयर कर्मचारी नियमित रूप से कार्यशाला (शॉपफ्लोर) प्रबंधकों और कर्मचारियों के साथ बातचीत करते हैं। संचार के विभिन्न मीडिया जैसे गृहपत्रिकाओं, पोस्टरों, फिल्मों आदि का व्यापक रूप से जागरूकता पैदा करने के लिए उपयोग किया जाता है।
इसके अलावा, खतरनाक क्षेत्रों में काम कर रहे कर्मियों का खतरों के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए आवधिक चिकित्सा परीक्षा के अधीन किया जाता है। कर्मचारियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए थीम-आधारित निवारक स्वास्थ्य कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें से कुछ कार्यक्रमों में शामिल हैं
- वैल पर्सन स्क्रीनिंग
- श्रवणशक्ति संरक्षण कार्यक्रम
- कर्मचारियों को नियमित रूप से ऐसे खतरों से बचाने के लिए कार्य-संबंधी खतरों और तरीकों व साधनों पर प्रशिक्षण दिया जाता है। इनमें से कुछ कार्यक्रम हैं इस प्रकार हैं:
- व्यावसायिक स्वास्थ्य खतरों पर जागरूकता।
- कार्यस्थल पर थकान का प्रबंधन
- जीवनशैली विकारों का नियंत्रण
- प्राथमिक चिकित्सा
- आर्ट ऑफ़ लिविंग
- कैंसर की रोकथाम और पहचान कार्यक्रम
- हार्टकेयर कार्यक्रम
- इंडियनऑयल सार्वजनिक क्षेत्र का पहला ऐसा उपक्रम है जिसने खुशी और कल्याण परियोजना की शुरुआत की। इस परियोजना के तहत, सभी कर्मचारियों को विभिन्न विषयों पर मेल के माध्यम से प्रश्नावली भेजी गई। खुशी और कल्याण पर एक पुस्तक प्रकाशित की गई है। खुशी और कल्याण पर कार्यशालाएं भी आयोजित की गई हैं।
- पूरे कॉर्पोरेशन में व्यावसायिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने और इसे एकसमान बनाने के लिए कॉर्पोरेट व्यावसायिक स्वास्थ्य मैनुअल तैयार किया गया और इसकी समय-समय पर समीक्षा की जा रही है।
- संतुलित पोषण की सहायता से कर्मचारियों के शारीरिक स्वास्थ्य और जीवनशैली विकारों की रोकथाम के लिए कार्यस्थल पर तनाव की रोकथाम पर महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने के प्रयास के तौर पर दो स्वास्थ्य पुस्तिकाओं का आंतरिक संकलन और प्रकाशन:
- "कार्यस्थल पर तनाव और स्वास्थ्य का प्रबंधन"
- "स्वस्थ जीवनशैली, पोषण और व्यावसायिक स्वास्थ्य पर दिशानिर्देश"
इसके अलावा, अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए नियमित रूप से कई सक्रिय कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं -
- समय-समय पर विभिन्न लोकेशनों पर रक्तदान शिविर आयोजित किए जाते हैं।
- विभिन्न लोकेशनों पर पेयजल पोर्टेबिलिटी परीक्षण किए गए।
- दो वर्षों में कम से कम एक बार अन्य यूनिट के सदस्यों सहितयोग्य व्यक्तियों द्वारा रिफाइनरियों में व्यावसायिक स्वास्थ्य और स्वच्छता से संबंधित सिस्टम, कार्यविधियों और सुविधाओं की आवधिक ऑडिटिंग।
- पूरे कॉर्पोरेशन में फूड कोर्ट/कैंटीन के रखरखाव के लिए दिशा-निर्देश मौजूद हैं।
- कैंटीनों और इंडियनऑयल के अतिथि गृह की किचनों के पौष्टिक मूल्यांकन ऑडिट (स्वास्थ्य और स्वच्छता)। स्वच्छ भारत अभियान के हिस्से के तौर पर, इंडियनऑयल प्रतिष्ठानों की सभी कैंटीनों/किचनों के स्वच्छता सूचकांक के रखरखाव को बनाए रखा जा रहा है और स्वच्छता सूचकांक प्रमुख रूप से प्रदर्शित होता है।
- कैंटीन और गेस्ट हाउस के प्रभारी प्रशासन/मानव संसाधन अधिकारियों के लिए खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रबंधन पर कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं।