गुवाहाटी रिफाइनरी में राजभाषा संगोष्ठी का समापन
नई दिल्ली   23-Mar-2015

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अध्यक्षीय भाषण देते हुए उप महाप्रबंधक (पी एंड यू )
श्री एस के मित्रा । मंच में बाएं से डॉ बी एन पांडेय,
श्री एन के चक्रवर्ती, मुख्य अतिथि प्रो. ए के नाथ,
डॉ बी के सिंह और श्रीमती अंजना बरुआ शर्मा ।

गुवाहाटी रिफाइनरी की अध्यक्षता में कार्यरत नराकास(उपक्रम), द्वारा रिफाइनरी प्रशिक्षण केन्द्री में पूर्वोत्तेर क्षेत्र के सभी नगर राजभाषा समितियों को शामिल करके “राजभाषा हिंदी के डिजिटल प्रचार-प्रसार की चुनौतियां : संभावनाएं और समाधान” पर एक दिवसीय हिंदी संगोष्ठी का हाल ही में आयोजन किया गया । संगोष्ठी की शुरुआत क्रमश: नराकास गीत, दीप प्रज्वलन और भजन से हुई । गुवाहाटी रिफाइनरी के उप महाप्रबंधक (पी एण्ड यू) श्री एस के मित्रा की अध्यक्षता में आयोजित इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में तेजपुर विश्व विद्यालय के हिंदी विभागाध्याक्ष श्री अनंत कुमार नाथ समारोह में उपस्थित हुए । उप महाप्रबंधक (प्रशासन एवं कल्याण), श्रीमती अंजना बरुआ शर्मा ने संगोष्ठी में उपस्थित सभी विद्वतगण का स्वागत किया और संगोष्ठी के विषयवस्तु की संकल्पना के बारे में सभी को अवगत कराया ।

अपने उद्घाटन भाषण में श्री मित्रा ने संगोष्ठी में पूर्वोत्तवर के विभिन्नष प्रांतों से नगर राजभाषा कार्यान्वीयन समितियों की प्रतिनिधि की उपस्थिति पर खुशी व्येक्ता करते हुए कहा कि एक ही मंच पर एक उद्देश्य और लक्ष्य् लेकर एकत्रित रुप से जब विचार-मंथन किया जाता है तो इसका सफल परिणाम सुनिश्चित होता है । मुख्य अतिथि प्रोफेसर नाथ ने अपने भाषण में कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में डिजिटल के माध्यम से राजभाषा की विकास का अनेक संभावनाएं है । इस अवसर पर राजभाषा विभाग के उप निदेशक (कार्यान्व्यन) डॉ बी के सिंह और हिंदी शिक्षण योजना के डॉ बी एन पाण्डेय ने अपनी बहुमूल्य विचार प्रकट किए । चार सत्रों में विभाजित इस संगोष्ठी के प्रथम सत्र में नेहु, शिलांग से पधारे आमंत्रित विशेषज्ञ डॉ अरिमर्दन कुमार त्रिपाठी ने विषयवस्तु पर स्लाइड प्रस्तुरतीकरण द्वारा सारगर्भित व्याख्यान रखा और डिजिटल द्वारा राजभाषा के प्रचार-प्रसार की चुनौतियां, संभावनाएं एवं समाधान के बारे में विस्तृत जानकारी दी । उक्त सत्र की अध्यक्षता पांडु कॉलेज के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष एवं शिक्षाविद डॉ. टी के. झा ने किया ।

द्वितीय सत्र में स्नातक के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए राजभाषा और रोजगार शीर्षक पर संकाय सदस्य के रुप में पधारे ब्रह्मपुत्र बोर्ड के हिंदी अधिकारी श्री मोहन कोईराला ने आजीविका निर्माण की दिशा में राजभाषा की भूमिका पर व्याख्यान दिए । अंतिम सत्र हास्य कविगोष्ठी में सभी प्रतिभागी सदस्यों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया । इस सत्र का संचालन नेडफी के प्रबंधक(प्रशासन व राजभाषा) और जानेमाने कवि श्री नीरज श्रीवास्तव ने किया ।